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Lyricsgram
आवाज़ lyrics
ो जी तेरी मुट्ठी में है
लो भोर हुयी पंछी निकले
बाबा तेरी सोन चिरैया
तारा रम तारा रम
आयी बारात
उल्फत के हैं काम निराले
मजबूर इ मुहब्बत ने
झुमे गगन झुमे पवन
दिल दीवाना दिल मस्ताना
धिटंग धिटंग बोले
दुनिया के कैसे कैसे ग़म