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Lyricsgram
आज और कल lyrics
जाम उठा ले पीने वाले
आओ साथी तुम किस और चली
कलियों को मसलने आये है
पड़े इश्क़ में जान के
मोहे छेड़ो न कान्हा
कहते है जिसको इश्क़
इतनी हसीं इतनी जवान रात
मुझे छेड़ो न कंहा
यह वादियां यह फ़िज़ाएं
तख़्त न होगा ताज न होगा
मौत कितनी भी संगदिल हो
राजा साहब घर नहीं
मुझे गले से लगा लो