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Lyricsgram
आग lyrics
रब मेरे अरज सुन मेरी
दिल टूट गया
सोलह बरस की भयी उमरिया
न आँखों में आँसू
ज़िंदा हूँ इस तरह
रात को जी
काहे कोयल शोर मचाये
देखा चाँद की और
समय का पंछी
हुस्न वाले भी गज़ब
आग ही आग है
तेरी रेशमी जुल्फें
आँखों में तुम हो
ये कन्या कुंवारी है
तेरा क्या लगता है
मुस्कुरा के जियो ज़िन्दगी
मैं तेरा मजनू
अँगिया में अंग न समाये