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आबरू lyrics

पूना से लायी पान रे
पिया मिलन की रुत आयी है
हाय किसी की याद सताए
हमारी ज़िन्दगी क्या है
इन्हीं लोगों ने
यह ग़म का फ़साना है
गोरी बांके नयन से
छेड़ूँगा मैं सरगम
एक दिल वो भी
तुमको दिल दे बैठे है
ऐ फूल ख़ुशी में
मेरी आँखों के उजाले
ये दिल नहीं की जिसके
आई आई रे होली
यह वादी ए कश्मीर
जिन्हें हम भूलना
आप से प्यार हुआ