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Lyricsgram
१८५७ lyrics
वो पहली मुलाक़ात
झमक झमक लिए तेग तमक
दिल्ली तेरे क़िले पर होंगे
चुपके ही चुपके न जाने
मेरी हो गयी उनसे बात
उमीदों का तारा
ग़म ए आशियाना सतायेगा कब तक
तेरी नज़र में मैं राहु