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विजेता lyrics

मन ानद ानद छायो
मुखड़े को क्यों मैं छुपाऊ
ख्वाबों में आनेवाली
मुझको एक पप्पी चाहिए
घूँघट में मुखड़े को
नींद आती नहीं
शाइरे में हो गया दीवाना