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Lyricsgram
वीणा lyrics
मेरे सपनो की रानी रे
चल तू प्रीत नगरिया रही
कोई शम रंग कोई गोरी
पंछी और परदेसी
जवानी न आती
दर्द मंदों का जहां में
चंद्र किरण के दाल हिंडोले
निर्मोही बंसी वाले
गोकुल की इक नार छबीली
वह तीखी नज़रों से