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श्रीमती ४२० lyrics

गुलाब चाँद की तेरे जग में
यह दुनिया तेरे दिल की तस्वीर
मोहब्बत से तुझे इनकार है
मैं ढूँढती हूँ
यहाँ हम वहां तुम
मेरी ज़िन्दगी के हमसफ़र
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
बड़ी रँगीली ज़िन्दगी है