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Lyricsgram
शेरू lyrics
ो माटी के पुतले इतना न
कैसे समझाऊं पिया
आया करके भेस निराला
प्रभु द्वार चलि
जिधर देखता हूँ
नैनो में प्यार डोले
जिस करनि से मालिक रूठे