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Lyricsgram
शीश महल lyrics
तुम देख रहे हो
मुक़द्दर के हाथों
आई है दिवाली
आदमी वो है मुसीबत से
जिसे ढूंढ़ती फिरती है मेरी नज़र
हुस्नवालों की गलियों में