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Lyricsgram
शतरंज lyrics
जवानी थी सोयी सपनों में
बाजी कहीं शहनाई
चलि भी ा की तेरा इंतज़ार
कहीं से शाम होते ही
हवा है सार्ड
बदली में छुपे चाँद ने
जंगल में मोर नाचा
शतरंज की चाल हमारी (टाइटल)
न सोचा न समझा
अजनबी हूँ मैं इस
तुम्हे मैं अगर अपना
बदकम्मा एक्कड़ पोतो रा
शाम ढले खिड़की ठाले
कोई नहीं दीवाना मेरे
एक से बने दो
दिल पे तेरे प्यार
ए सनम इतना बता
मैंने न जाना तूने न जाना