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Lyricsgram
शम घनशाम lyrics
तुम दोनों हो एक से
प्रेम में पागल हो गयी
ओह नो ग़ुस्सा छोडो
मिटवा रे मित्र रे
माँ की ममता पे हम
माँ पे पूत
ाँधी है जांधि है