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Lyricsgram
शबाब lyrics
पतियाँ पथिकवा
दया कर गिरधर गोपाल
भगत के बस में
मरना तेरी गली में
यही अरमान लेकर
मर गए हम
आये ना बालम वादा कर के
महलों में रहनेवाले
जो मैं जानती
लगी मोरे मन की
जोगन बन जाउंगी
मन की बीं मतवारी बाजे
चन्दन का पलना