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सौगंध lyrics

यह कौन चली जाती है
सखि टोरी चतुरिया सब जान गयी
रंग गयी आज मन्न की बगिया
राजा बेटी केकराला गूँथलू तू
नाचे नाचे चंचल मैं
दीवानी दुनिया मुझ पर
अब आई बसंत बहार
वह हमको भूल
चली हवाएँ मतवारी
चाँद मेरे दिल ये तेरा है
खान के कंगना खान खान रे
अपने लिए जिए तुम
तेरी बाँहों में जीना हैं
मेरी नींद चुराकर ले गयी
मेरा कहना मान सितमगर
मितवा मेरे साथ मैं तेरे
तुझ्को हैं सौगन्द तू माँ
हार गया दिल फरियाद करके
लैला को भूल जायेंगे