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Lyricsgram
सकी lyrics
आसमान तुझसे शिकायत
दूर से दूर से जी
अजल से हुस्न परस्ती
ओ हसीना संभल
दिल पहला और प्यार दूसरा
आ गयी है इश्क़ पे बहार
ग़म की वादी में
आरज़ुएँ रो रही हैं