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साहिबान lyrics

प्रेम है दीपक राग
बांसुरी यह बांसुरी
अरे जाने वाले
इस मेले में लोग आते हैं
मैं बोतल नहीं शराब की
साहिबान मेरी साहिबां
तू क्या प्यार करेगा