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राम तेरे कितने नाम lyrics

ज़ूबी ज़ूबी मेह्बूबी
ओ मेरी जान
इंसानियत ही सबसे पहला धर्म
मंज़िल थी कहीं जाना था कहीं
मचल मचल जाता हैं दिल