Lyricsgram

फूल और कांटे lyrics

एक तीर जिगर पे खा कर हम
चलते है गरीबो पे ही
बर्बाद मोहब्बत की
आँखों से आँखें चार हुई
बल्ले बल्ले जवानी बल खाये
दिल यह कहता है
तुमसे मिलने को दिल करता है
पहली बारिश मैं और तू
मैंने प्यार तुम्ही से किया है
प्रेमी आशिक़ आवारा
धीरे धीरे प्यार को