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पहली झलक lyrics
ज़माने से निराला है
न मारो नजरिया के बाण
मोहब्बत ने मुझे मारा
कैसे भये सखि रुत सावन की
हमदर्द जो बनता है गरीबों का
देख के मेरा गोरा मुखड़ा
छोडो जी छोडो जी कलै
ज़मीन चल रही
चरणदास को पीने की आदत