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पाकीज़ह lyrics

तन्हाइ सुनाया करती है
नज़र का वार था
मोरे सजन सौतन घर जाये
कौन गली गायो श्यामक
इन्हीं लोगों ने
आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे
चलते चलते यूँ ही कोई मिल गया था
चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
चाँदनी रात
मौसम है आशिकाना