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नौ बहार lyrics

कजरारी मतवारी मदभरी दो अँखियाँ
देखो जी मेरा जिया चुराये
किसी सुरत लगी दिल की
उनके बुलावे पे दिल मेरा डोले
भटके हुए मुसाफिर
कहाँ है तू
ऐ री मैं तो प्रेम दीवानी