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नास्तिक lyrics

तेरे होते हुए
कैसे आये है दिन
होने लगा है मुझ पे
गगन झनझना रहा
कान्हा बजाए बसरी
दुनिया भर के नास्तिक
भूले भटके लोगो
कितना बदल गया इंसान
अमृत और ज़हर
प्यारे तेरे प्यार में लुट गए हम
दूल्हा दुल्हन की जोड़ी
सगरे जगत का एक रखवाला
मैं हूँ तेरे सामने
आज का ये दिन कल बन जाएगा