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नई उम्र की नै फसल lyrics

आज की रात बड़ी शोख बड़ी
मेरो साईयाँ गुलबीए का फूल
इसको भी अपनाता चल
थी शुभ सुहाग की रात
देखती ही रहो आज दर्पण
स्वप्ना झड़े फूल से