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Lyricsgram
मुसाफिर खाना lyrics
झूठे ज़माने भर के
पलटि अरे पलटि पलटी किस्मत पलटी
कुछ अंख मिली कुछ पैसा मिला
दिल दे डाला
अगर बाबू दिल है काबू
अच्छा जी माफ़ कर दो
ज़रा सी बात का हुज़ूर
थोड़ा सा दिल लगा के देख