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मुसाफिर lyrics

पियाजी आन मिलो
अकेली न जाइयो हो
टेढ़ी टेढ़ी हमसे फिर
मन रे हरि के गुण गा
लागी नाही छूटे
एक आये एक जाये मुसाफिर
मुन्ना बड़ा प्यारा
साकि रे साकि
सुन सुनियो
तेज़ धार
फिर न कहना
रब्बा
एक दिल ने
इश्क़ कभी कार्यो न
दूर से पास