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मुकद्दर का सिकंदर lyrics

सलाम-इ-इश्क़
प्यार ज़िन्दगी है
वफ़ा जो न की
सलामे इश्क मेरी जान
दिल तो है दिल
ओ साथी रे
रोते हुए आते हैं सब