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मुक़द्दर lyrics

जब नैनों में
एक दो तीन चार
देख गगन में
आहें भर भर के
मधुर प्यार
तेरे चेहरे से पर्दा
सूरज से आंखें मिला
जब जुलमी सैया पकडे ये बैया
हो तेरी ठुमरी सुन सुन
के के केमिस्ट्री
चुडिया बजौ के
एटम बम
ततैया बोले तू तू तू
दिल है तेरा जान है
चल कही चले सजना