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मुमताज़ महल lyrics

जो हम पे गुजराती है
जला पतंग तोह
दिल की धड़कन बना
ऐ दिले बेक़रार
अपना बनाके फिर क्यों भुलाया
मेरे दिल झूम ज़रा
मैं दिल का साज बजाता हो चाहत
चाँद का प्याला लेने