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मेरा कसूर क्या है lyrics

ग़म की रात काटे
साज़िशे थी मेरे मिटने की
कोई आने वाला है चाँद
ज़माना शराबी बन जायगा
आते है तशरीफ़ लाते है
मेरा कसूर क्या है
काँटों पे चल के