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मंज़िल lyrics

सुन्दर नारी प्रीतम
सारी दुनिया गोरख
वह नशीली निगाहे
अब किसे पता कल हो क्या
हमदम से गए
दिल तो है दीवाना
चुपके से मिले प्यासे प्यासे
ए काश चलते
काहे को झूटी
याद आ गई
सावन सुलग सुलग जाए
मन मेरा चाहे
तुम हो मेरी दिल की धड़कन
रिमझिम गिरे सावन