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मैं तुलसी तेरे आंगन की lyrics

मैं तुलसी तेरे आंगन की (टाइटल)
सइयां रूठ गए
यह खिड़की जो बन्द रहती है
नथनियाँ जो डाली
छाप तिलक सब छीनी रे