Toggle navigation
Lyricsgram
लेख lyrics
लुट गया दिन रात का आराम क्यों
बदरा की छाँव
ये काफिला है प्यार का
हम हँसते हुए आये थे
दिल का करार लुट चूका
सावन की घटाओं
कहती है जवानी