Lyricsgram

लक्ष्मी नारायण lyrics

रुणं झुनं झुँ
फूलो से कर लूँ नैना चार
मन को लुटा के
कल की है ये बात
जग के पालनहार
गयी बिरहा की रात
दया करो जय शिवशंकर
आज अचानक जाग उठे