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Lyricsgram
लगन lyrics
ताक़त हूँ तुम्हरी ओअर साजन
कैसे कटे रतियाँ
काहे को रार मचाये
यह कैसा अन्याय
मदभरी
कोई मनुष्य कितना
कोई समझाए
हमारी लाज निभाओ
तुम बिन कल न
मैं सोते भाग जगा
हट गयी लो करि
मोहब्बत की जुबां चुप है
बहायें चाँद ने आंसू
मुझे नज़र से उतर कर भी
ले आज तेरी याद की निशानी
याद यह रखना भूल न जाना
पलकों के द्वारे पे
एक छोरा है गोरा गोरा है
ऐ बहरो हाल अपना