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Lyricsgram
कंचन lyrics
मोरे मन की नगरिया
बता दो कोई कौन गली
कौन बिना तेरे फ़रियाद सुने
मोरे मन्न की नगरिया
एक तेरी नज़र एक मेरी नज़र
दिवाली की रात पिया घर
याद आ रहा है दिल को
उमंगों पर जवानी छा
ये कैसी दिल्लगी है
छोटी सी एक बगिया में