Lyricsgram

काजल lyrics

छम छम घुंगरू बोले
मुद्दत की तमन्नाओ का सिला
अगर मुझे न मिली तुम
समझी थी के ये घर मेरा है
कबिरा निर्भय राम जापे
ज़रा सी और पिला दो भांग
ये जुल्फ अगर खुल के
मेरे भैया मेरे चंदा
तोरा मन दर्पण
आपके भीगे हुए जिसम से आंच आती है
छू लेने दो नाजुक होठों को