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इन्साफ lyrics

रुखी सुखी मैं खा लूंगी
नैनं में कोई छाये क्यों
ज़िन्दगी में हुस्न है
अभी मोहब्बत नयी नयी है
दौलत के अँधेरे में
बाज़ी ऐसी ाँ फँसी
दो दिल धड़क रहे
ये तूने क्या कहा
आया रे मेरा जाने बहार आया
मैंने प्यार किया मैं पछतायी
तू कठपुतली
रंग भरी राते
मेरा नाम मई
मेम साब
मैं हूँ
नन्द का लाला नन्द गोपाल
हमसफ़र मिलती हैं मंज़िल
सुलगती हैं आँखे