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Lyricsgram
इनाम lyrics
झुकेगा यह ज़माना
मुबारक हो
नजूमी हूँ मैं
हम चले तेरे दिल के मकान से
तदबीर का हो तीर और
ज़रा ठहरो मैं हां े दिल
तू है की नहीं है
तुहि मरे तुहि टारे