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हमदर्द lyrics

जब आँखें ही न दी मालिक
आयी मधु रितु बसंत
ा सपने तुझे बुलाएँ
उधर तेरी नज़र बदली
मेरे मानन की धड़कन पे
तेरा हाथ हाथों में आ गया
ऋतु आये सखी रे
पी बिन सूना ऋ
तेरे सब ग़म मिले मुझको