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घूँघट lyrics

अपना बनकर तुमने
बहुत मायूस हो कर
भूल जा अपने गीत पुराने
दिल न कही लगाना
ये ज़िन्दगी का मौसम
प्यारी सखी सज धज के
क्या क्या नज़ारे दिखती है
गोरी घूँघट में मुखड़ा
दो नैन मिले
मोरि छम छम बाजे पायलिया
मेरी पत राखो गिरधारी
लागे न मोरा जिया
हाय रे इन्सान की मजबूरिया