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दूर गगन की छांव में lyrics

ो जग के रखवाले
ो जग के रखवाले
छोड़ मेरी बैयाँ
खोया खोया चांद
जिन रातों की भोर नहीं है
रही तू रुक मत जाना
पथ भूला एक आया मुसाफिर
कोई लौटा दे मेरे
आ चल के तुझे