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डोली lyrics

दिल्ली की गलियों में
अंगना बोले काग रे
खेल नहीं गिर गिर के संभलना
पहले झुक कर करे सलाम
आज मैं देखूँ जिधर जिधर
आज पिला दे साकी अपनी
सजना साथ निभाना
दांतों तले दबा कर होंठ
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चल