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दो कलियां lyrics
सजना ओ सजना
मुस्लिम को तस्लीम
मुर्गा मुर्गी प्यार से देखे
चितनन्दन आगे नाचूँगी
बच्चे मन के सच्चे
तुम्हारी नज़र क्यों
ये समां ये रुत