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चार चाँद lyrics

तेरा मेरा जोड़ नहीं
पीपल की छाँव तले
मैं हूँ अलीबाबा
लगी है आग जो
किसी के जेब से
एक नहीं दो नहीं तीन नहीं
है यह वही आसमान