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बीवी और मकान lyrics

ऐसे दाँतों में उँगली
अनहोनी बात थी
सावन में बरखा सताये
जाने कहाँ देखा है
दबे लबो से
ा था जब जनम
रहने को घर दो
जब दोस्ती होती है
खुल सिमसिम