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Lyricsgram
भरथरी lyrics
प्रेम बिना सब सूना होता
घूंघट पट नाहीं खोलूं
कूकत कोयलिया
सूने मन्दिर मेरा
मोरा धीरे से
भंवरा मधुबन में
अलख नाम रस पीना
चंदा देश पिया के जा
भीक्षा दे दे मैया पिंगला