Toggle navigation
Lyricsgram
बारे-दरी lyrics
चली वो नसीब की आँधिया
मैं नाजुक छोरि
ायी बैरन बहार
छाई रे बदरिया
तस्वीर बनाता हूँ
मोहब्बत की बस इतनी दास्ताँ है
खो दिया मैंने पाकर किसी को
दिल हम से वह लगाये
दर्द भरा दिल भर भर आये
भुला नहीं देना