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Lyricsgram
बहु lyrics
ठंडी हवाओं में
ओ जानेवाले
नैना चार कर ले
मुर्ख है जो सागर
ले तेरे मुकद्दर का
दूर दूर से क्या गता है
दाग े जिगर
छुपा ले दाग
अंग अंग में उमंग
देखो देखो जी बालम