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Lyricsgram
बहार आने तक lyrics
कब से खड़ी हूँ
दिन पतझड़ के हो
दिल के करीब कोई छुपा हैं
यह खामोसी मेरे हम
कलि तेरी छोटी हैं
मोहब्बत इनायत