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Lyricsgram
अपने हुए पराये lyrics
कही आंसू निकलते है
बहार बनके वह
गगन के चाँद न पुछ हमसे
दुपट्टे की गिरह में
अपने हुए पराये (टाइटल)
मैंने बुलाया और तुम आये
फिर कोई मुस्कराय